विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान,कुरुक्षेत्र

विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान

संस्कृति भवन, कुरुक्षेत्र, हरियाणा (भारत)

अखिल भारतीय निबन्ध् प्रतियोगिता - (छात्र भैया/बहिनों के लिए)
विचारों को उचित तरीके से स्पष्ट कर पाने की कला को सीखना ही निबन्ध-लेखन का मूल मंतव्य है। निबन्ध लेखन अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है। निबन्ध लेखक को अपनी बात किसी अन्य मत से प्रभावित हुए बिना स्वच्छन्द कहनी चाहिए। लेखक का स्वार्थ विषय वस्तु को प्रभावित न करे, यह अत्यन्त आवश्यक है। जरूरी नहीं कि जो भी आप लिखें वह सभी की स्वीकार्य हो, जरूरी यह है कि आप निष्पक्ष होकर लिखें क्योंकि निष्पक्षता ही किसी निबन्ध की प्रथम और अन्तिम कसौटी है। परीक्षा के पश्चात एक विद्यार्थी ने परीक्षा सम्बन्धी वार्तालाप करते हुए कहा निबन्ध छोड़ आया क्योंकि याद किया हुआ नहीं आया अचम्भित होते हुए उससे पूछा गया कि निबन्ध को भी याद करना होता है क्या? इसका उस विद्यार्थी के पास कोई उत्तर नहीं था। विद्या भारती संस्कृति बोध परियोजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उसी कड़ी में अखिल भारतीय स्तर पर हिन्दी में तथा प्रत्येक प्रान्त की योजनानुसार मातृभाषाओं में छात्रों की ‘निबन्ध प्रतियोगिता’ का आयोजन निम्नलिखित वर्गानुसार होता है - वर्ग /
क. शिशु वर्ग (कक्षा 4-5)
ख. बाल वर्ग (कक्षा 6-7-8)
ग. किशोर वर्ग (कक्षा 9-10)
घ. तरुण वर्ग (कक्षा 11-12)
नियमावली
1. निबन्ध लेखन प्रतियोगिता विद्यालय स्तर पर दिनांक 14 सितम्बर को आयोजित करनी है। तदुपरान्त विद्यालय में ही सभी निबन्धों का मूल्यांकन करके 7 दिनों के अन्दर वर्गानुसार प्रथम पाँच निबन्ध एवं सम्पूर्ण प्रतिभागिता सूची अपनी प्रान्तीय समिति के कार्यालय में भेजें।
2. निबन्ध विद्यालय में सामूहिक बैठकर लिखेंगे। A4 (30X20 cm) आकार के कागज़ सभी प्रतिभागियों को विद्यालय की ओर से उपलब्ध कराए जाएं।
3. प्रथम पृष्ठ पर प्रतिभागी केवल अपना विवरण लिखेंगे जिसमें नाम, पिता का नाम, कक्षा, वर्ग, विद्यालय का पूरा नाम व पता पिनकोड सहित, प्रांत का नाम, क्षेत्र का नाम स्पष्ट अक्षरों में हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में लिखना अनिवार्य होगा। इस विवरण के अतिरिक्त कुछ न लिखें।
4. निबन्ध कागज़ के एक ही ओर चौथाई (हाशिया) छोड़कर लिखें।
5. स्वच्छ एवं स्पष्ट लेखन के लिए 2 अंक निश्चित हैं।
6. प्रत्येक वर्ग के प्रतियोगी को अपने वर्गानुसार किसी एक विषय पर निबन्ध लिखना होगा।
7. निबन्ध लेखन की शब्द सीमा वर्गानुसार क्रमशः शिशु वर्ग में चार सौ, बाल वर्ग में छः सौ, किशोर वर्ग में आठ सौ तथा तरुण वर्ग में आठ सौ से एक हजार शब्दों तक निर्धारित है।
8. 20X30 से.मी. आकार कागज के एक ओर ही हस्तलिखित निबन्ध होना चाहिए।
9. भैया तथा बहनों को हिन्दी अथवा अपनी मातृभाषा में निबन्ध लिखने की छूट रहेगी।
10. नियमानुसार न लिखे हुए निबन्धों को निरस्त कर दिया जायेगा, निबन्ध वापिस नहीं भेजे जाएंगे।
11. प्रत्येक निबन्ध पर प्रधानाचार्य द्वारा साक्ष्यांकन अत्यावश्यक है।
12. प्रान्तीय समिति में प्राप्त सभी निबन्धों में से वर्गानुसार केवल प्रथम स्थान प्राप्त निबन्ध प्रदेशीय/प्रान्तीय समिति द्वारा विद्या भारती कार्यालय कुरुक्षेत्र में दिनांक 15 अक्तूबर तक भेजने अनिवार्य हैं।
13. संस्थान को कोई भी या सभी निबन्ध, बिना कारण बताये निरस्त करने का अधिकार है, यह निर्णय सर्वमान्य होगा।
14. प्रांतीय समिति के द्वारा परिणाम की जानकारी विजेता छात्र के विद्यालय तथा संस्कृति शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र को दी जायेगी।
15. प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रें का प्रमाण पत्र व पुरस्कार तत्सम्बन्धी विद्यालय को परिणाम घोषित होने के बाद संस्थान द्वारा भेजा जायेगा।
पुरस्कार - प्रत्येक प्रान्तीय समिति में प्रत्येक वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्तकर्ता को रुपये 501.00 का सद्साहित्य पुरस्कार के स्वरूप में दिया जाएगा।
विशेष - प्रादेशिक समिति द्वारा केन्द्रीय कार्यालय को सर्वश्रेष्ठ निबन्ध भेजते समय प्रतियोगिता में कुल प्रतिभागी विद्यालय संख्या एवं प्रतिभागी छात्र संख्या का वर्गानुसार विवरण अवश्य भेजा जाए।
संस्कृति ज्ञान परीक्षा
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