अखिल भारतीय कथा-कथन प्रतियोगिता
(शिशु एवं बाल वर्ग के छात्र भैया/बहिनों के लिए)
इस वर्ष संस्कृति बोध परियोजना के आयाम में एक नई विधा कथा-कथन के नाम से छात्र भैया/बहिनों में वर्णन शैली के विकास करने की दृष्टि से जोड़ी गई है। इस वर्ष यह प्रतियोगिता विद्यालय स्तर से संकुल, प्रान्त, क्षेत्र एवं अखिल भारतीय सभी स्तरों पर लागू होगी।
नियम -
1- कथा-कथन प्रतियोगिता के वर्ग:
(क) शिशु वर्ग- कक्षा 4-5 ; (ख) बाल वर्ग- कक्षा 6-7-8 ;
उपरोक्त दो वर्गों में केवल निर्धारित कक्षाओं के भैया/बहिन ही भाग ले सकेंगे।
2- इस प्रतियोगिता में शिशु एवं बाल वर्ग में क्षेत्रीय स्तर पर प्रथम आने वाले छात्र भैया/बहिन अखिल भारतीय महोत्सव में अपने वर्ग के लिए निर्धारित विषय पर कथा-कथन कहेंगे कथा-कथन के वषय निम्नलिखित हैं-
वर्ग विषय
शिशु ऐतिहासिक घटना, पौराणिक आख्यान या प्रेरणादायी घटना पर आधारित कथा।
बाल ऐतिहासिक घटना, पौराणिक आख्यान या प्रेरणादायी घटना पर आधारित कथा।
3- कथा-कथन हेतु समय सीमा -
शिशु वर्ग - 5 से 7 मिनट बाल वर्ग - 5 से 7 मिनट
4- कथा-कथन की विषय सामग्री के आलेख की तीन प्रतियाँ निर्णायकों के लिए तैयार करके लायें ताकि प्रस्तुति के समय उन्हें दी जा सकें।
5- यह कथा-कथन प्रतियोगिता है।अतः इसमें भाव-मुद्रा कथन के अनुरूप होनी चाहिए।
6- कथा-कथन का मूल्यांकन-
(क) विषय सामग्री - 15 अंक
(ख) तथ्य - 10 अंक
(ग) प्रस्तुति एवं उच्चारण शुद्धता - 15 अंक
(घ) भाषा-शैली - 5 अंक
(घ) समय सीमा का पालन - 5 अंक
कुल 50 अंक
7- माध्यम - हिन्दी अथवा अंग्रेज़ी
8- तीनों निर्णायक अंक पत्रों पर व्यक्तिगत रूप से अंक देंगे। तीनों निर्णायकों के अंक जोड़कर औसत आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय परिणाम घोषित किए जाएंगे।
द्रष्टव्य - अखिल भारतीय स्तर पर क्षेत्र में वर्गानुसार प्रथम स्थान प्राप्त विजेता ही भाग लेंगे।
- निर्णायकों को व्यवस्थापक नियम से परिचित कराएंगे।
- निर्णायकों का निर्णय सर्वमान्य एवं अंतिम होगा।